YouTube AI: YouTube पर हाल ही में एक बड़ी विवादित खबर वायरल हुई है—प्लैटफ़ॉर्म ने कुछ कंटेंट पर AI द्वारा एडिटिंग करना शुरू कर दिया है, वो भी बिना क्रिएटर की जानकारी या अनुमति के। यह एडिटिंग खासतौर पर YouTube Shorts में वीडियो की स्पष्टता, शोर रिडक्शन और फ़ोकस सुधारने के लिए की गई है। लेकिन इस तकनीकी ‘बेहतरी’ से कई क्रिएटर्स में असहजता और बैर महसूस हो रहा है—क्योंकि इससे उनके मूल इरादे और वीडियो की ‘सेंस’ बदल सकता है।
Rick Beato, एक मशहूर म्यूजिक यूट्यूबर, ने बताया कि उनका चेहरा, बाल, यहां तक कि शर्ट की बनावट भी अलग—ज्यादा चिकनी—लग रही थी। शुरू-शुरू में उन्हें लगा कि यह किसी ऐप की फिल्टर वजह से हुआ होगा, लेकिन बाद में पता चला कि यह बदलाव YouTube के खुद के AI के चलते हो सकता है।
Rhett Shull, एक और लोकप्रिय क्रिएटर, ने भी कहा: “जितना अधिक मैंने देखा, उतना ही गुस्सा हुआ—अगर यह बदलाव मेरी मर्ज़ी से होता, तो समझ आता, लेकिन जब AI और YouTube खुद ही ऐसा कर देते हैं, तो यह परेशान करने वाला है।”
YouTube ने इस पर प्रतिक्रिया दी है कि “हम कुछ Shorts में ब्लर हटाना, शोर कम करना और स्पष्टता बढ़ाना जैसे प्रयोग कर रहे हैं।” हालांकि, उन्होंने इस प्रक्रिया में क्रिएटर की पूर्व अनुमति नहीं मांगने की बात स्वीकार नहीं की है।
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब बिना सूचना के AI द्वारा कंटेंट में बदलाव किए जाएं, तो यह दर्शकों के लिए भरोसे का आधार खो देता है। यदि सोशल प्लेटफ़ॉर्म्स ऐसे कदम उठाते हैं, तो डिजिटल विश्वसनीयता और कंटेंट पर भरोसा कमजोर हो सकता है।
AI प्रशिक्षण में कंटेंट का उपयोग और रचनात्मक अधिकार: YouTube AI
इस घटना का एक और पहलू यह है कि YouTube—और संभवतः अन्य AI प्लेटफ़ॉर्म—क्रिएटर्स से अनुमति नहीं लेकर उनके वीडियो और सबटाइटल्स का इस्तेमाल AI मॉडल ट्रेनिंग के लिए कर रहे हैं।
Proof News की जांच में यह सामने आया है कि 1.7 लाख से ज़्यादा यूट्यूब सबटाइटल्स का इस्तेमाल AI मॉडल ट्रेनिंग (जैसे Veo3) के दौरान किया गया—जिसमें टॉप क्रिएटर्स जैसे MrBeast, PewDiePie आदि की सामग्री भी शामिल थी। कई ने इसे ‘चोरी’ कहा, क्योंकि इसमें permission या compensation नहीं था।
Steven Bartlett, जोकि ‘The Diary of a CEO’ पॉडकास्ट के होस्ट हैं, ने YouTube पर गंभीर आलोचना की और कहा कि बिना पारदर्शिता और मुआवजे के AI ट्रेनिंग के लिए कंटेंट का इस्तेमाल YouTube के लिए भी खतरा बन सकता है क्योंकि इससे क्रिएटर्स का विश्वास कमजोर होगा।
अब कई एजेंसियां अपने क्रिएटर्स के कॉन्ट्रैक्ट्स में “AI डेटा उपयोग की अनुमति” जैसी क्लॉज शामिल कर रही हैं, ताकि भविष्य में उनकी सामग्री बिना अनुमति इस्तेमाल न हो।
सारांश: सुरक्षा, भरोसे और AI के भविष्य के बीच तलवार की धार: YouTube AI
AI तकनीक से वीडियो क्वालिटी बेहतर हो सकती है—लेकिन जब यह सुधार क्रिएटर की सहमति के बिना किया जाए, तो यह उनकी कला, व्यक्तिगत छवि और भावनात्मक जुड़ाव को नुकसान पहुंचा सकता है।
AI-पर संचालित प्लेटफ़ॉर्म्स और वीडियो क्रिएटर्स के बीच भरोसे का अनुबंध महत्वपूर्ण है। पारदर्शिता, जानकारी और उचित मुआवजा—ये तीन स्तम्भ भविष्य में डिजिटल कंटेंट ecosphere के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
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