‘Pookie Baba’ Aniruddhacharya ने live-in महिलाओं पर विवादास्पद टिप्पणी की, जिसे लेकर Khushboo Patani और समाज ने तीखी प्रतिक्रिया दी। जानिए पूरा मामला और घटनाओं का क्रम।
पृष्ठभूमि: कौन हैं Aniruddhacharya?
Aniruddhacharya Maharaj, असली नाम Anirudh Ram Tiwari (जन्म: 27 सितम्बर 1989), एक चर्चित धार्मिक प्रवचनकर्ता और कथा वाचक हैं। उन्होंने Gauri Gopal Ashram, Vrindavan की स्थापना की है और सोशल मीडिया पर हास्य और आध्यात्म का मिश्रण करते हुए लोकप्रियता हासिल की है
विवाद की शुरुआत: क्या कहा था उन्होंने?
एक वायरल वीडियो में उन्होंने कहा कि “25 साल की लड़कियां अक्सर कई पुरुषों से संबंध रख चुकी होती हैं” और वे “घर की बहू बनने लायक नहीं रहतीं
इस बयान को सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त विरोध मिला—खासकर तब जब खुसबू पाटनी (Disha Patani की बड़ी बहन, भारतीय सेना की सेवानिवृत्त मेजर) ने इसे सीधे ‘sexist’ और ‘hypocritical’ बताया
Khushboo Patani की प्रतिक्रिया: स्पष्ट और तीव्र
खुसबू ने फेसबुक और इंस्टाग्राम वीडियो में कहा:
“अगर ये मेरे सामने कहा जाता, तो मैं इसे समझा देती कि गाली क्या होती है… ये anti‑national लोग हैं, इनका समर्थन करने वाले चौकन्ने पुरुष!”
उन्होंने सवाल किया कि अगर live‑in संबंधों पर आपत्ति है तो पुरुषों पर टिप्पणी क्यों नहीं की गई? इसमें केवल महिलाओं को दोषी ठहराया गया—ये स्पष्ट दुहेरी मापदंड है
पुलिस और वकीलों की प्रतिक्रिया
Mathura Bar Association ने यह टिप्पणी ग़ैर-कानूनी तथा संविधान-विरुद्ध बताया और SSP Mathura से शिकायत की मांग की गई, स्थानीय मंत्री बेबी रानी मौर्य ने भी चेतावनी दी कि Aniruddhacharya को मर्यादा में रहकर बोलना चाहिए, क्योंकि भारत की लड़कियां अपनी सीमाएं जानती हैं
Aniruddhacharya का माफी संदेश
कई दिनों बाद उन्होंने एक सोशल मीडिया वीडियो पोस्ट कर माफी मांगी। उनका कहना था कि उनका बयान कुछ महिलाएँ ओर कुछ पुरुषों के लिए था — “not all women” — और वीडियो का कुछ हिस्सा एडिट कर दिया गया था, जिससे सुराग बदल गया
विवाद का सामाजिक असर
- सोशल मीडिया पर hashtags और पोस्ट वायरल हुए जिसमें संयम और सम्मान की पुकार उठी।
- महिलाएं और युवा वर्ग धर्माचार्यों को सवाल करने लगे कि धार्मिक भावना के नाम पर महिलाओं पर टिप्पणी क्यों?
- बड़े प्रश्न उठे — क्या धर्म गुरु निर्लज्जता की सीमा तक जा सकते हैं? क्या समाज अब ऐसे बयानों को सहन करेगा?
Aniruddhacharya विवाद ने साफ़ कर दिया कि एक सार्वजनिक धर्म गुरु की जिम्मेदारी सिर्फ धार्मिक शिक्षाओं की नहीं, बल्कि समाज की गरिमा और संवेदनशीलता की भी होती है। महिलाओं के बारे में ऐसी नकारात्मक और गलतफहमी पर आधारित टिप्पणियों को रिपोर्ट करना और सवाल करना आज समाज का धर्म बन गया है।
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