Disturbing Trend: Animal Cruelty YouTube Videos in Telangana Spark Outrage
Telangana में आजकल Animal Cruelty के YouTube Videos ने पूरा हंगामा मचा रखा है। इन वीडियो में जानवरों के साथ गलत व्यवहार दिखाया जा रहा है, और लोग गुस्से में तिलमिलाए हुए हैं।
पूरा मामला क्या है?
तेलंगाना और थोड़े से आंध्र प्रदेश में हाल ही में कुछ Animal Cruelty के मामले सामने आए हैं, जिन्होंने सबको हिलाकर रख दिया। YouTube Videos में लोग जानवरों के साथ अत्याचार करते दिखे, और ये वीडियो झट से वायरल हो गए। साँप से लेकर कुत्तों तक, सबके साथ गलत हरकतें दिखाई गई हैं। इस वजह से PITA India और दूसरे पशु कल्याण समूहों ने हल्ला मचाया, और पुलिस भी एक्शन मोड में आ गई। अब देखते हैं क्या-क्या हुआ।
1. कुरनूल का वाइल्डलाइफ क्रूरता वाला मामला
आंध्र प्रदेश के कुरनूल में एक YouTube Video ने सबको चौंका दिया। इसमें दो रसेल वाइपर (जो एक संरक्षित साँप प्रजाति है) और एक खरगोश को बेरहमी से मारा गया। ये घटना कोटाकोंडा गाँव, देवनकोंडा मंडल की थी। वीडियो में दिखा कि साँप को पीट-पीटकर खत्म कर दिया गया और खरगोश को जाल में फँसाकर मार डाला। ये दोनों जानवर वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत संरक्षित हैं, तो ये बहुत गंभीर मामला है।
क्या कार्रवाई हुई? पीईटीए इंडिया और अन्य समूहों की शिकायत पर कुरनूल पुलिस ने प्रारंभिक अपराध रिपोर्ट (पीओआर) दर्ज की। मामला वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के सेक्शनों के तहत दर्ज हुआ। अब जाँच चल रही है।
2. राचकोंडा में आवारा कुत्तों को जहर दिया
जून 2025 में राचकोंडा के अडिबटला इलाके में एक और घटना हुई, जहाँ पाँच आवारा कुत्तों को जहर देकर मारने की बात सामने आई। इनमें से चार कुत्तों की मौत हो गई, और एक को एक पशु प्रेमी ने बचा लिया। इस मामले का कोई YouTube Video तो नहीं मिला, लेकिन ये Animal Cruelty का एक बड़ा उदाहरण है।
क्या कार्रवाई हुई?
क्या कार्रवाई हुई? अडिबटला पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) और Prevention of Cruelty to Animals Act के तहत FIR दर्ज की। एक मरे हुए कुत्ते का पोस्टमॉर्टम भी करवाया गया, और मामला आगे बढ़ रहा है।
3. महबूबनगर में पलमूर बायोसाइंसेज लैब का मामला
PITA INDIA ने जून 2025 में महबूबनगर के पलमूर बायोसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड लैब में पशु क्रूरता का बड़ा खुलासा किया। एक व्हिसलब्लोअर ने बताया कि इस लैब में 1500 बीगल कुत्तों को 800 की क्षमता वाली जगह में ठूँसकर रखा गया था। इन कुत्तों को दर्दनाक इंजेक्शन दिए गए, जिससे फोड़े, अल्सर और भयानक दर्द हुआ। कुछ कुत्तों की मौत भी हो गई। इसके अलावा, मिनीपिग और बंदरों के साथ भी क्रूरता की शिकायतें आईं।
क्या कार्रवाई हुई? PITA ने कमेटी फॉर द कंट्रोल एंड सुपरविजन ऑफ एक्सपेरिमेंट्स ऑन एनिमल्स (सीसीएसईए), सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ), और नेशनल जीएलपी कम्प्लायंस मॉनिटरिंग अथॉरिटी को शिकायत की। पुलिस ने पलमूर बायोसाइंसेज के खिलाफ मामला दर्ज किया, और पीईटीए ने लैब बंद करने की माँग की है।
कानून का खेल और चुनौतियाँ
भारत में पशु क्रूरता रोकने के लिए प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स एक्ट, 1960 और वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 जैसे कानून हैं। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) भी इसमें काम आती है। तेलंगाना में इन कानूनों का इस्तेमाल इन मामलों में हो रहा है।
पर मुश्किलें भी हैं:
रिपोर्टिंग की कमी: बहुत से पशु क्रूरता के मामले सामने ही नहीं आते। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर दिन औसतन 5 जानवर क्रूरता से मरते हैं, और असल संख्या इससे 10 गुना ज्यादा हो सकती है।
यूट्यूब पर निगरानी नहीं: यूट्यूब ने पशु क्रूरता वीडियो पर रोक लगाने का वादा किया है, लेकिन अभी भी कई वीडियो मौजूद हैं। लेडी फ्रीथिंकर की एक जाँच में 2020 तक 2000 से ज्यादा ऐसे वीडियो मिले, जिनमें जानवरों को सताया गया।
लोगों की प्रतिक्रिया और आगे का प्लान
PITA और समूहों की भूमिका: PITA India और दूसरे पशु कल्याण समूहों ने इन मामलों को उजागर किया और एफआईआर करवाने में बड़ी भूमिका निभाई। इनका काम बिना रुके चल रहा है।
लोगों का गुस्सा: सोशल मीडिया पर इन वीडियो के खिलाफ लोग भड़के हुए हैं। खासकर कुरनूल और महबूबनगर के मामलों ने पशु कल्याण के लिए जागरूकता बढ़ाई है।
जागरूकता जरूरी: जानकारों का कहना है कि गाँव-देहात में पशु कल्याण और वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए।
अब क्या?
तेलंगाना में पशु क्रूरता के यूट्यूब वीडियो ने न सिर्फ लोगों को हिलाया, बल्कि कानूनी कार्रवाई को भी तेज किया। कुरनूल में वन्यजीवों के खिलाफ अत्याचार और महबूबनगर में लैब में Animal Cruelty के मामलों में पुलिस और समूहों ने कदम उठाए हैं। लेकिन इनको पूरी तरह रोकने के लिए और सख्त निगरानी, जागरूकता और कानूनी कदम चाहिए।
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