YouTube AI – Youtube ने हाल ही में एक नई AI-पावर्ड टेक्नोलॉजी को लॉन्च किया है, जो उन यूज़र्स की असली उम्र पहचानने में सक्षम है जिन्होंने अपने अकाउंट में झूठी जानकारी दी हो। यानी अब अगर कोई 13 साल से कम उम्र का बच्चा अपना अकाउंट 18+ बताकर YouTube इस्तेमाल कर रहा है, तो भी YouTube उसे पकड़ सकता है।
यह AI सिस्टम यूज़र की एक्टिविटी, वीडियो देखने की आदतें, इंटरैक्शन पैटर्न और दूसरी signals का विश्लेषण करके अनुमान लगाता है कि उनकी असली उम्र क्या हो सकती है।
YouTube को यह कदम क्यों उठाना पड़ा?
पिछले कुछ वर्षों से YouTube को बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। COPPA (Children’s Online Privacy Protection Act) जैसे कानूनों के तहत YouTube को बच्चों की प्राइवेसी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है।
- कई बच्चे अपने अकाउंट में उम्र गलत डालकर 18+ कंटेंट तक पहुंच पा रहे थे।
- इससे YouTube को न सिर्फ कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, बल्कि उनकी विश्वसनीयता (Trust) पर भी सवाल उठने लगे।
कैसे काम करेगी यह AI तकनीक?
Google का कहना है कि यह तकनीक machine learning पर आधारित है जो behavioral signals (जैसे कि यूज़र किस तरह के वीडियो देखते हैं, किससे इंटरैक्ट करते हैं, कौन सी भाषा में सर्च करते हैं) को पढ़कर अनुमान लगाती है।
यदि कोई यूज़र 18+ अकाउंट होने का दावा करता है लेकिन उसका व्यवहार किसी टीनएजर जैसा दिखता है, तो:
- YouTube उसकी एक्सेस सीमित कर सकता है
- कुछ वीडियो या Ads नहीं दिखाएगा
- कुछ फीचर्स को बंद कर सकता है
बच्चों की सुरक्षा को लेकर YouTube कितनी गंभीर है?
YouTube Kids ऐप पहले से ही छोटे बच्चों के लिए बनाया गया है, लेकिन बहुत सारे बच्चे अब भी मेन YouTube प्लेटफ़ॉर्म पर fake उम्र डालकर पहुँच रहे हैं।
इस AI तकनीक के आने से अब:
- बच्चों को age-appropriate कंटेंट ही दिखेगा
- inappropriate ads दिखने से रोका जाएगा
- Creators को भी सजग रहना होगा कि वे बच्चों को टारगेट कर रहे हैं या नहीं
यह बदलाव किन देशों में लागू होगा?
फिलहाल Google ने इसे अमेरिका में रोलआउट करना शुरू किया है, और आने वाले महीनों में इसे बाकी देशों में भी लागू किया जाएगा।
भारत जैसे देशों में जहाँ डिजिटल डिवाइड और awareness दोनों मुद्दे हैं, वहाँ इस तकनीक का रोल काफी अहम हो सकता है।
क्या AI 100% सही होगी?
नहीं, Google का कहना है कि यह तकनीक अभी भी evolving है। इसलिए:
- कई बार यह गलत अनुमान भी लगा सकती है
- लेकिन समय के साथ इसकी accuracy और बेहतर होगी
YouTube ने कहा है कि वे इसके डेटा और impact को लगातार मॉनिटर करते रहेंगे और आवश्यकतानुसार बदलाव करेंगे।
क्या कहता है पैरेंट्स और क्रिएटर्स का कम्युनिटी?
- कई पैरेंट्स इस बदलाव का स्वागत कर रहे हैं क्योंकि यह उनके बच्चों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।
- वहीं, कुछ Content Creators को चिंता है कि उनके वीडियो की reach पर असर पड़ सकता है अगर उनके व्यूअर्स को AI underage मान ले।
YouTube ने आश्वासन दिया है कि वे पारदर्शिता के साथ बदलाव करेंगे और सभी stakeholders को ध्यान में रखेंगे।
YouTube की यह नई AI तकनीक डिजिटल दुनिया में एक बड़ा कदम है। यह बच्चों को सुरक्षित रखने की दिशा में एक ज़िम्मेदार प्रयास है, जो लंबे समय में सभी यूज़र्स के लिए बेहतर और सुरक्षित अनुभव देगा।
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