टेक इंडस्ट्री में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। Perplexity AI ने कथित तौर पर Google के लोकप्रिय वेब ब्राउज़र Chrome को खरीदने के लिए $34.5 बिलियन का ऑफ़र दिया है। यह खबर टेक रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आई है और अगर यह डील सच होती है, तो इंटरनेट की दुनिया में यह अब तक के सबसे बड़े अधिग्रहणों में से एक हो सकता है।
Perplexity AI क्या है?
Perplexity AI एक उभरता हुआ AI-चालित सर्च इंजन और नॉलेज प्लेटफ़ॉर्म है, जिसने हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। यह प्लेटफ़ॉर्म जेनरेटिव AI और रियल-टाइम डेटा को मिलाकर यूज़र्स को त्वरित, सटीक और संदर्भ-आधारित उत्तर देने के लिए जाना जाता है।
कंपनी का दावा है कि उनका विज़न सिर्फ़ एक सर्च इंजन बनना नहीं है, बल्कि इंटरनेट पर जानकारी तक पहुँचने का सबसे स्मार्ट और यूज़र-फ्रेंडली तरीका प्रदान करना है।
Google Chrome क्यों?
Google Chrome वर्तमान में दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला वेब ब्राउज़र है, जिसका मार्केट शेयर 60% से भी अधिक है। यह तेज़, सुरक्षित और यूज़र-फ्रेंडली इंटरफ़ेस के लिए जाना जाता है।
अगर Perplexity AI इस ब्राउज़र को खरीद लेता है, तो यह उसे सीधे अरबों यूज़र्स तक पहुँचने का मौका देगा और AI-आधारित सर्च और ब्राउज़िंग अनुभव को पूरी तरह बदल सकता है।
$34.5 बिलियन की डील – क्या यह संभव है?
टेक विशेषज्ञों का मानना है कि $34.5 बिलियन की यह डील Google जैसी टेक दिग्गज कंपनी के लिए बहुत छोटी हो सकती है, क्योंकि Chrome सिर्फ़ एक ब्राउज़र नहीं बल्कि Google के पूरे इकोसिस्टम का एक अहम हिस्सा है।
इसके जरिए Google को अरबों डॉलर का विज्ञापन राजस्व मिलता है। ऐसे में यह तय नहीं है कि Google Chrome को बेचने के लिए तैयार होगा या नहीं।
इस अधिग्रहण के संभावित फायदे
अगर यह डील हो जाती है, तो Perplexity AI को कई फायदे मिल सकते हैं:
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यूज़र बेस में तुरंत बूम – Chrome के अरबों यूज़र्स तक सीधी पहुँच।
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AI + ब्राउज़र का कॉम्बिनेशन – रियल-टाइम AI असिस्टेंट ब्राउज़िंग अनुभव का हिस्सा बन सकता है।
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विज्ञापन और डेटा का फायदा – विज्ञापन से होने वाली भारी कमाई और सर्च डेटा का उपयोग।
चुनौतियां और सवाल
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रेगुलेटरी अप्रूवल – इतनी बड़ी डील को लेकर अमेरिका और अन्य देशों में प्रतिस्पर्धा नियामकों (antitrust regulators) की मंज़ूरी लेनी होगी।
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Google की मंशा – Google Chrome उसकी विज्ञापन और डेटा रणनीति के केंद्र में है, ऐसे में इसे बेचना मुश्किल है।
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यूज़र प्राइवेसी – AI के साथ ब्राउज़िंग डेटा का जुड़ना प्राइवेसी से जुड़े सवाल उठा सकता है।
निष्कर्ष
भले ही $34.5 बिलियन का यह प्रस्ताव फिलहाल सिर्फ़ एक रिपोर्ट है और Google की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अगर यह अधिग्रहण होता है, तो यह इंटरनेट के भविष्य को पूरी तरह बदल सकता है। यह डील Perplexity AI को AI-संचालित ब्राउज़िंग के नए युग की ओर ले जा सकती है, जहाँ सर्च, ब्राउज़िंग और रियल-टाइम असिस्टेंस एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर मिलेंगे।
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