ChatGPT के यूज़र्स को अब सतर्क रहना होगा। OpenAI CEO Sam Altman ने चेताया है कि आपके द्वारा पूछे गए पर्सनल सवाल कोर्ट केस में सबूत बन सकते हैं। जानिए पूरी रिपोर्ट।
ChatGPT यूज़र्स सावधान रहें! अब आपका कोई भी सवाल या बातचीत जो आपने AI से की है, भविष्य में किसी कानूनी मामले का हिस्सा बन सकती है। ये चेतावनी दी है OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने। उन्होंने कहा कि ChatGPT का उपयोग करते समय अगर आप कोई व्यक्तिगत या संवेदनशील सवाल पूछते हैं, तो वह डेटा अदालत में evidence यानी सबूत के रूप में पेश किया जा सकता है।
OpenAI के इस बयान ने दुनियाभर के यूज़र्स को सोचने पर मजबूर कर दिया है। टेक्नोलॉजी और पॉलिसी से जुड़ी बहस में यह एक नया अध्याय जोड़ता है — जहां AI की बातचीत और डेटा ट्रेसबिलिटी को लेकर कानूनी सवाल उठ रहे हैं।
सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में यह स्पष्ट किया कि –
“अगर कोई यूज़र ChatGPT से कोई ऐसा सवाल पूछता है जो किसी अपराध, फ्रॉड या संवेदनशील जानकारी से जुड़ा है, और भविष्य में वह मामला कोर्ट तक जाता है, तो उस सवाल का रिकॉर्ड अदालत में माँगा जा सकता है।”
इसका मतलब यह हुआ कि ChatGPT केवल एक तकनीकी टूल नहीं है, यह डिजिटल रिकॉर्ड का भी हिस्सा बनता जा रहा है, जिसे लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियां, इन्वेस्टिगेटिव बॉडीज़ और कोर्ट्स इस्तेमाल कर सकती हैं।
क्या इसका मतलब है कि ChatGPT अब Unsafe हो गया है?
नहीं। OpenAI का कहना है कि ChatGPT को एक सुरक्षित और responsible तरीके से डिजाइन किया गया है। लेकिन किसी भी पब्लिक टूल की तरह, ChatGPT के साथ आपकी बातचीत हमेशा सुरक्षित तभी मानी जाएगी जब आप अपनी व्यक्तिगत जानकारी, पते, पासवर्ड, या गंभीर आरोपों जैसी बातें साझा न करें।
AI Tools और Privacy: एक नया सवाल
इस खबर ने एक बार फिर उस बहस को जन्म दे दिया है जिसमें AI, Privacy और Legal Implications के बीच संतुलन की बात होती है। जब कोई यूज़र ChatGPT या किसी और AI सिस्टम से बातचीत करता है, तो वह सोचता है कि यह एक निजी संवाद है — लेकिन यह संवाद कभी-कभी लॉग किया जा सकता है, एनालिसिस के लिए सेव किया जा सकता है, और worst-case scenario में कोर्ट में लाया जा सकता है।
कानूनी नजरिया क्या कहता है?
कई देशों की अदालतें अब डिजिटल डायलॉग्स को evidence मानने लगी हैं। यानी अगर आपने किसी AI चैट में ऐसा कुछ लिखा है जो एक गंभीर केस से जुड़ा है — जैसे साइबर फ्रॉड, धमकी, या किसी योजना की बात — तो वो चैट कोर्ट में आपकी मर्जी के बिना भी प्रस्तुत की जा सकती है।
यूज़र्स को क्या करना चाहिए?
- ChatGPT या किसी भी AI से बातचीत करते समय सावधानी बरतें।
- संवेदनशील जानकारी, पर्सनल डेटा या कोई ऐसी बात जिससे आपकी पहचान जुड़ी हो, न साझा करें।
- कोई गंभीर आरोप या कानूनी विषय हो, तो AI से पहले किसी एक्सपर्ट या वकील से सलाह लें।
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