YouTube ला रहा है एक नया AI फीचर ( Catches Fake Ages ) जो मशीन लर्निंग से यूजर की असली उम्र का अंदाजा लगाएगा, फर्जी बर्थडेट देने वाले टीन यूज़र्स अब नहीं बच सकेंगे। जानिए कैसे करेगा ये सिस्टम काम।
अब Age छुपाना मुश्किल! YouTube का AI सिस्टम अब पहचान लेगा कि आप सच बोल रहे हो या झूठ ( Catches Fake Ages )
अगर आप सोचते हैं कि YouTube पर बर्थडेट में थोड़ी हेराफेरी करके कोई भी content देखा जा सकता है, तो अब ज़रा संभल जाइए। क्योंकि अब YouTube खुद ही पहचान लेगा कि यूज़र टीनएजर है या नहीं, चाहे वो फर्जी डेट ऑफ बर्थ ही क्यों न डाले!
जी हां, YouTube ने अमेरिका में एक नया AI-पावर्ड Age Estimation System लॉन्च किया है, जो बिना किसी पर्सनल जानकारी को इकट्ठा किए, यूज़र की उम्र का अनुमान मशीन लर्निंग एल्गोरिदम्स के ज़रिए लगाएगा। ये फीचर शुरुआत में कुछ यूज़र्स के लिए ही एक्टिव किया गया है, लेकिन धीरे-धीरे इसे पूरी दुनिया में रोलआउट किया जाएगा।
कैसे काम करता है YouTube का Age Detection System? Catches Fake Ages
यह सिस्टम यूज़र की उम्र का अनुमान उनके बिहेवियरल सिग्नल्स जैसे कि सर्च हिस्ट्री, वॉच पैटर्न, और इंटरैक्शन के आधार पर लगाता है – यानी बिना किसी पर्सनल डेटा के। और अगर कोई बच्चा या टीन गलत उम्र डालकर YouTube पर उम्र से बड़ा बनने की कोशिश करे, तो भी ये सिस्टम उसे ट्रैक कर लेगा।
एक बार अगर सिस्टम को लगता है कि अकाउंट किसी टीनएजर का है, तो YouTube अपने डिजिटल वेलबीइंग टूल्स को ऑटोमैटिकली एक्टिव कर देगा।
Teen Users के लिए क्या-क्या बदलेगा? Catches Fake Ages
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Weight या Physical Appearance वाले Repetitive Videos की लिमिटिंग
अब YouTube बार-बार दिखने वाले सेंसिटिव टॉपिक वाले वीडियो को टीन यूज़र्स के लिए लिमिट कर देगा। -
Personalised Ads होंगे बंद
टीन यूज़र्स को अब टार्गेटेड ऐड्स नहीं दिखेंगे। -
Sensitive Videos की Recommendations बंद
कुछ वीडियो टाइप्स को प्लेटफॉर्म खुद-ब-खुद ब्लॉक कर देगा, ताकि टीन यूज़र की मेंटल हेल्थ पर असर ना पड़े।
अगर कोई Adult गलती से Teen समझा गया तो? Catches Fake Ages
YouTube समझता है कि AI भी इंसान की तरह परफेक्ट नहीं होता। अगर किसी वयस्क को गलती से टीनएजर समझ लिया गया, तो उसके पास अपना ID या क्रेडिट कार्ड देकर वेरीफाई करने का ऑप्शन रहेगा। एक बार वेरिफाई हो जाने पर:
- उनका पुराना एक्सेस फिर से एक्टिवेट हो जाएगा।
- वे Shorts और एज-लिमिटेड कंटेंट फिर से देख सकेंगे।
क्यों है ये बदलाव ज़रूरी? Catches Fake Ages
2025 में YouTube के CEO Neal Mohan ने यह घोषणा की थी कि अब बच्चों और किशोरों की सुरक्षा को प्लेटफॉर्म की प्राथमिकता बनाया जाएगा। यह नया सिस्टम उसी विज़न का हिस्सा है। इससे पहले भी सितंबर 2024 में YouTube ने “Supervised Accounts” जैसे फीचर्स लाए थे। अब AI के साथ इस टेक्नोलॉजी को और ज्यादा एडवांस किया जा रहा है।
ये सिस्टम सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा
हालांकि यह फीचर फिलहाल अमेरिका के कुछ यूज़र्स के लिए शुरू हुआ है, लेकिन YouTube ने साफ किया है कि इसे ग्लोबली रोलआउट किया जाएगा। जैसे-जैसे बच्चों की ऑनलाइन सेफ्टी को लेकर चिंता बढ़ रही है, वैसे-वैसे यह सिस्टम एक ज़रूरी कदम बनता जा रहा है।
YouTube का यह AI अब सिर्फ कॉन्टेंट सजेस्ट करने तक सीमित नहीं, बल्कि यूज़र्स की डिजिटल सेफ्टी और प्राइवेसी के बीच संतुलन बनाने के मिशन पर है।
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