आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI tool for medical image analysis ) अब सिर्फ चैटबॉट्स या टेक्स्ट जनरेशन तक सीमित नहीं रह गया है। हेल्थकेयर सेक्टर में भी इसकी एंट्री जबरदस्त हो चुकी है। खासकर मेडिकल इमेज एनालिसिस में AI ने एक नई क्रांति ला दी है। हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन डिएगो के रिसर्चर्स ने एक नया AI tool for medical image analysis डेवलप किया है, जो बेहद कम डेटा में भी एक्यूरेट रिजल्ट दे सकता है।
क्या है ये नई तकनीक?
मेडिकल इमेज एनालिसिस में “सेगमेंटेशन” यानी किसी इमेज के हर पिक्सल को पहचानना और क्लासिफाई करना बेहद जरूरी होता है। जैसे कि स्किन कैंसर वाली जगह को हाईलाइट करना या किसी ट्यूमर को अलग से दिखाना। पहले इसके लिए हजारों इमेज की जरूरत होती थी, जो विशेषज्ञों द्वारा मैन्युअली एनोटेट की जाती थीं। ये समय और पैसे दोनों की मांग करता है।
लेकिन अब, इस AI tool for medical image analysis की मदद से सिर्फ 40 से 50 लेबल की गई इमेज से ही पूरे मॉडल को ट्रेन किया जा सकता है। यह टेक्नोलॉजी न केवल डेटा की जरूरत को 20 गुना तक कम करती है, बल्कि ज्यादा सटीक भी है।
कैसे काम करता है ये AI टूल?
यह AI टूल एक खास तरीके से डिजाइन किया गया है:
- पहले यह सिखता है कि किसी इमेज के सेगमेंटेशन मास्क से सिंथेटिक इमेज कैसे बनाई जाए।
- फिर वह खुद से आर्टिफिशियल इमेज और मास्क तैयार करता है।
- इन जनरेट की गई इमेज से मॉडल को ट्रेन किया जाता है।
- एक फीडबैक लूप के ज़रिए मॉडल खुद सीखता है कि कौन-सी इमेज उसे बेहतर बना रही हैं और उसी के आधार पर नए डेटा तैयार करता है।
इस स्मार्ट सिस्टम की वजह से ये AI tool for medical image analysis पहले से मौजूद किसी भी मेथड से 10 से 20% ज्यादा अच्छा परफॉर्म कर पाया।
कहां-कहां होगा इसका इस्तेमाल?
इस AI टूल को विभिन्न मेडिकल इमेजिंग टास्क्स में टेस्ट किया गया है:
- स्किन कैंसर पहचानना (dermoscopy)
- ब्रेस्ट कैंसर की जांच (ultrasound)
- कोलन पोलिप्स (colonoscopy)
- प्लेसेंटा की blood vessels की पहचान (fetoscopic imaging)
- यहां तक कि 3D इमेज जैसे MRI या CT स्कैन में भी
ये टूल हर केस में बेहतर परफॉर्मेंस देता है, खासकर तब जब एक्सपर्ट एनोटेटेड डेटा बेहद कम होता है।
डॉक्टरों के लिए क्या फायदे?
मान लीजिए, एक स्किन डॉक्टर को स्किन कैंसर की जांच करनी है। पहले उन्हें हजारों इमेज एनोटेट करानी पड़ती थी। लेकिन अब सिर्फ 40–50 इमेज के साथ ही मॉडल को ट्रेन किया जा सकता है, जिससे real-time diagnosis भी मुमकिन है। इससे इलाज में तेजी आएगी और सटीकता भी बढ़ेगी।
क्या है भविष्य की योजना?
इस AI tool for medical image analysis को और भी स्मार्ट बनाने की योजना है। रिसर्चर्स इसे क्लीनिकल फीडबैक के साथ ट्रेन करना चाहते हैं ताकि यह असली दुनिया के मरीजों के लिए और ज्यादा यूज़फुल बन सके। साथ ही इसे और ज्यादा बीमारियों और इमेज फॉर्मैट्स के लिए सपोर्टिव बनाया जाएगा।
निष्कर्ष
AI अब सिर्फ एक टेक्निकल टूल नहीं बल्कि हेल्थकेयर का अभिन्न हिस्सा बनता जा रहा है। यह AI tool for medical image analysis आने वाले समय में लाखों लोगों के लिए सटीक, तेज और सस्ता इलाज संभव बना सकता है। खासकर उन जगहों पर जहां एक्सपर्ट्स या डेटा की कमी है।
अगर आप हेल्थ सेक्टर में काम कर रहे हैं, तो यह समय है जब आपको AI के इस क्रांतिकारी बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए।
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